Emergency Review: इमरजेंसी नहीं ‘इंदु’ होना चाहिए था शीर्षक, कैसी है Kangana Ranaut की फिल्म? यहां पढ़ें रिव्यू

Emergency Review: कंगना रनौत की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘इमरजेंसी’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म 1975 में लागू हुई देश की सबसे विवादित आपातकालीन स्थिति पर आधारित है। कंगना रनौत न केवल फिल्म की मुख्य अभिनेत्री हैं, बल्कि इसके निर्देशन और प्रोडक्शन का भार भी उन्होंने अपने कंधों पर लिया है। क्या यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती है? और क्या यह इमरजेंसी के काले अध्याय को सही ढंग से पर्दे पर उतार पाई है? आइए जानते हैं इस रिव्यू में।

Emergency Movie Review 2025
Emergency Movie Review 2025

कहानी: एक नेता के संघर्ष और सत्ता की भूख की दास्तां

फिल्म की कहानी भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन और 1975 के आपातकाल पर आधारित है। कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है, जिसे पर्दे पर ‘इंदु’ के रूप में पेश किया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह इंदु (इंदिरा गांधी) ने सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए देश में आपातकाल लागू किया, जिसके कारण करोड़ों लोगों के अधिकार छीन लिए गए।

कहानी में पॉलिटिकल ड्रामा के साथ-साथ इंदु के व्यक्तिगत संघर्ष, उनके पारिवारिक रिश्तों और सत्ता की राजनीति को बड़े प्रभावी ढंग से दिखाया गया है। हालांकि, फिल्म का फोकस कहीं-कहीं भटकता हुआ नजर आता है।

अभिनय: कंगना का शानदार प्रदर्शन

  • कंगना रनौत: इंदु के किरदार में कंगना रनौत ने जान डाल दी है। उनकी डायलॉग डिलीवरी और हावभाव ने किरदार को जीवंत कर दिया।
  • अनुपम खेर: फिल्म में अनुपम खेर ने जेपी नारायण की भूमिका निभाई है, जो समाजवादी आंदोलन के बड़े नेता थे। उनका अभिनय प्रभावशाली है।
  • श्रेयस तलपड़े: अटल बिहारी वाजपेयी के किरदार में श्रेयस तलपड़े ने शानदार काम किया है।
  • मिलिंद सोमन और सतीश कौशिक: सहायक भूमिकाओं में इनका अभिनय फिल्म को मजबूती देता है।

निर्देशन और लेखन

कंगना रनौत ने इस फिल्म को न केवल अभिनीत किया है, बल्कि इसका निर्देशन भी किया है। निर्देशन में कंगना का प्रयास सराहनीय है, लेकिन फिल्म का स्क्रीनप्ले कहीं-कहीं कमजोर पड़ता है। फिल्म की लंबाई इसे बोझिल बनाती है। कई दृश्यों में गहराई की कमी महसूस होती है, जो कहानी के प्रभाव को कम कर देती है।

तकनीकी पहलू

  • सिनेमैटोग्राफी: फिल्म की सिनेमैटोग्राफी जबरदस्त है। हर फ्रेम इमरजेंसी के काले दौर को बयां करता है।
  • म्यूजिक: बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी के साथ न्याय करता है। हालांकि, गानों का अभाव दर्शकों को खल सकता है।
  • एडिटिंग: एडिटिंग को और टाइट किया जा सकता था। कुछ सीक्वेंस फिल्म को अनावश्यक रूप से खींचते हैं।

फिल्म की खासियत

  1. कंगना का दमदार अभिनय।
  2. इमरजेंसी के दौर का प्रामाणिक चित्रण।
  3. अनुपम खेर और श्रेयस तलपड़े का मजबूत समर्थन।

फिल्म की कमजोरियां

  1. फिल्म की लंबाई।
  2. कमजोर स्क्रीनप्ले।
  3. इंदु के किरदार पर फोकस ज्यादा, इमरजेंसी के सामाजिक प्रभाव पर कम।

फिल्म का नाम ‘इमरजेंसी’ क्यों नहीं ‘इंदु’?

फिल्म में जिस तरह से इंदु (इंदिरा गांधी) के व्यक्तित्व और उनकी राजनीति पर अधिक फोकस किया गया है, उसे देखते हुए ‘इमरजेंसी’ की जगह ‘इंदु’ शीर्षक ज्यादा सटीक लगता। फिल्म का बड़ा हिस्सा इंदु के निजी संघर्ष और सत्ता पर उनकी पकड़ पर केंद्रित है, जबकि आपातकाल की घटनाएं कहानी में केवल एक पृष्ठभूमि के रूप में इस्तेमाल की गई हैं।

क्यों देखें यह फिल्म?

यदि आप भारतीय राजनीति के इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं और कंगना रनौत के दमदार अभिनय के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। यह आपको इमरजेंसी के काले अध्याय की एक झलक देती है, हालांकि पूरी तस्वीर पेश करने में विफल रहती है।

रेटिंग

  • कहानी: ★★★☆☆
  • अभिनय: ★★★★☆
  • निर्देशन: ★★★☆☆
  • संगीत और तकनीकी पहलू: ★★★☆☆
  • कुल मिलाकर: 3.5/5

FAQs: Emergency मूवी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1: इमरजेंसी फिल्म किस पर आधारित है?
Ans: यह फिल्म भारत में 1975 में लगाए गए आपातकाल और इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है।

Q2: कंगना रनौत ने कौन सा किरदार निभाया है?
Ans: कंगना रनौत ने फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है, जिसे ‘इंदु’ के नाम से पेश किया गया है।

Q3: क्या यह फिल्म परिवार के साथ देखी जा सकती है?
Ans: हां, यह फिल्म परिवार के साथ देखी जा सकती है। इसमें कोई आपत्तिजनक दृश्य नहीं हैं।

Q4: फिल्म का मुख्य आकर्षण क्या है?
Ans: कंगना रनौत का शानदार अभिनय और 1975 के इमरजेंसी दौर का प्रामाणिक चित्रण।

Q5: क्या फिल्म का निर्देशन प्रभावशाली है?
Ans: निर्देशन सराहनीय है, लेकिन स्क्रीनप्ले और लंबाई के कारण फिल्म कहीं-कहीं कमजोर पड़ती है।

निष्कर्ष

‘इमरजेंसी’ एक साहसिक प्रयास है, जो भारतीय राजनीति के सबसे विवादास्पद दौर को पर्दे पर उतारने की कोशिश करता है। कंगना रनौत का अभिनय फिल्म की जान है, लेकिन कहानी और निर्देशन में थोड़ी और परिपक्वता की जरूरत थी। अगर आप कंगना के फैन हैं या इमरजेंसी की पृष्ठभूमि को समझना चाहते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें।

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